जिंदल व सरकार के मध्य हुए अनुबंध अनुसार आरओबी निर्माण करना जरूरी: विधायक कोठारी
भीलवाड़ा। जयपुर में प्रमुख शासन सचिव स्वायत शासन विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में आरओबी के विषय को लेकर कोई ठोस निर्णय नही हो पाने एवं मीटिंग में आरओबी के स्थान पर अन्य विकल्प पर चर्चा होने पर विधायक कोठारी द्वारा
दिनांक 24 अप्रेल 2025 को मुख्यमंत्री व स्वायत शासन विभाग मंत्री को आरओबी निर्माण हेतु जिन्दल सॉ को पाबन्द करने हेतु पत्र लिखा।
उक्त पत्र में विधायक कोठारी ने सभी तथ्यों से अवगत करवाते हुए जिन्दल सॉ लि. एवं नगर परिषद के मध्य दिनांक 5 अक्टूबर 2011 को अनुबंध निष्पादित किया गया था। उक्त अनुबंध में विभिन्न शर्तों के साथ-साथ बिंदु संख्या 16 में निर्धारित शर्त अनुसार जिन्दल सॉ लि. द्वारा शहर में रामधाम के सामने ROB (भूमि का मुआवजा लागत सहित) निर्माण प्रस्तावित था तथा बिंदु संख्या 22 में किसी भी विवाद की स्थिति में राज्य सरकार का निर्णय अंतिम माना है।
साथ ही 25 अप्रैल 2019 को एनजीटी, भोपाल के द्वारा दिये गये आदेश में अंकित किया कि आवेदक द्वारा अपनी मूल याचिका वापस ले ली गई है और अभी तक आरओबी निर्माण नहीं हुआ है और न ही कोई पेड़ काटा गया है, अतः मूल आवेदन 21/2017 का निस्तारण इसी प्रकार किया गया।
विधायक अशोक कोठारी के प्रयासों से शहर आरओबी के विषय पर सक्रिय हुआ, विधायक द्वारा सर्वप्रथम विधानसभा में यह मुद्दा दिनांक 26 जुलाई 2024 को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नियम 131 के तहत विधानसभा के पटल पर रखा तथा दिनांक 16 सितंबर 2024 को सरकार को इस हेतु पत्र भी प्रेषित किया। उक्त ध्यानाकर्षण एवं पत्र के पश्चात सरकार द्वारा स्थानीय निकाय, जिला कलेक्टर व जिन्दल सॉ को मीटिंग हेतु स्वायत्त शासन विभाग जयपुर बुलाया, इस प्रथम मीटिंग में जिन्दल सॉ के अधिकारियों द्वारा आरओबी निर्माण की बात को माना तथा अपने उच्चाधिकारी से बात कर अतिशीघ्र इस पर कार्यवाही करने हेतु आश्वस्त किया। इसी संदर्भ में स्वायत्त शासन विभाग द्वारा दिनांक 16 अप्रेल 2025 को बुलाई गई द्वितीय बैठक में स्थानीय प्रशासन को आरओबी निर्माण के अतिरिक्त विकल्प की बात व चर्चा की गई।
निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यानाकर्षित करते हुए पत्र लिखा
1.एनजीटी भोपाल द्वारा मूल अनुबंध की शर्तानुसार कभी भी आरओबी निर्माण को रद्द नहीं किया है।
2.भीलवाडा में बढ़ते यातायात दबाव के कारण आरओबी निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है।
3.रामधाम वाले आरओबी को रामधाम से 100 फिट रोड की तरफ निर्मित किया जाने पर पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए आरओबी निर्माण किया जा सकता है।
4.मूल अनुबंध की बिंदु संख्या 22 अनुसार किसी भी विवाद की स्थिति में राज्य सरकार का निर्णय अंतिम होगा।
5.ध्यानाकर्षण प्रस्ताव 597 के जवाब के अंतिम दोनों पैरा में विभाग द्वारा लिखा गया है कि अनुबंध की शर्त संख्या 16 आरओबी निर्माण की थी और उक्त ओवरब्रिज के निर्माण पर एनजीटी भोपाल के द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक के परिपेक्ष्य में निर्माण नहीं हो पाया और विवाद की स्थिति में राज्य सरकार का निर्णय अंतिम होने से इस संबंध में शीघ्र ही उच्च अधिकारियों के मध्य बैठक किये जाने के संबंध में निर्णय लिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना बताते हुए इसa समस्या के स्थाई समाधान किया जाना लिखा गया है।