दिल्ली सरकार का अभूतपूर्व फैसला: डॉक्टर अब देंगे मरीजों को ज़्यादा समय
नई दिल्ली, 5, जून 2025
दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को प्रशासनिक कार्यों से मुक्त करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत अब डॉक्टरों को अस्पतालों की खरीद और सप्लाई चेन से जुड़े कार्यों में शामिल नहीं होना पड़ेगा। इससे वे मरीजों को अधिक समय और बेहतर ध्यान दे सकेंगे।
यह ऐतिहासिक निर्णय दिल्ली सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को मरीज केंद्रित और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार का मानना है कि डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ का मुख्य कार्य रोगियों की देखभाल है, और उन्हें गैर-चिकित्सकीय कार्यों में व्यस्त रखना संसाधनों की बर्बादी है।
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि अब सभी अस्पतालों की खरीद प्रक्रिया की ज़िम्मेदारी सेंट्रल प्रोकेयोरमेंट एजेंसी (CPA) को सौंप दी गई है। यह एजेंसी 1994 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य अस्पतालों के लिए एक समान, गुणवत्ता-आधारित और पारदर्शी खरीद प्रणाली सुनिश्चित करना था।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया, "हमारा उद्देश्य डॉक्टरों को फाइलों और प्रशासनिक उलझनों से निकालकर सीधे मरीजों की सेवा में लगाना है। यह फैसला मरीजों के हित में है और इससे इलाज की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।"
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संतुष्टि और देखभाल की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। साथ ही, यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।
यह बदलाव केवल एक नीति परिवर्तन नहीं, बल्कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यवस्थित सुधार की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।