योगेन्द्र शर्मा बने हिन्दी साहित्य भारती काव्य मंच के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष/ देश-विदेश में 2000 से अधिक मंचों पर दे चुके हैं ओजस्वी प्रस्तुति, परमवीर काव्य संग्रह जल्द होगा प्रकाशित

भीलवाड़ा-
हिन्दी काव्य की ओजस्वी परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने वाले शाहपुरा (भीलवाड़ा) के सुप्रसिद्ध कवि योगेन्द्र शर्मा को हिन्दी साहित्य भारती काव्य मंच का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। यह घोषणा संस्था के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रवीन्द्र शुक्ल द्वारा की गई।
डॉ. शुक्ल ने बताया कि योगेन्द्र शर्मा को यह जिम्मेदारी हिन्दी कविता की गरिमा को वैश्विक मंचों तक पहुँचाने, मंचीय मर्यादा बनाए रखने और नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के उद्देश्य से सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि शर्मा की साहित्यिक दृष्टि, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत काव्य-शैली और हजारों मंचीय प्रस्तुतियों के अनुभव से यह संस्था और भी सशक्त होगी।
2000 से अधिक मंचीय प्रस्तुतियां, कविताओं से बढ़ाया सेना का मनोबल-
योगेन्द्र शर्मा ने अब तक भारत और विदेशों में 2000 से अधिक काव्य मंचों पर अपनी ओजस्वी वाणी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना, वीर रस और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने कश्मीर में भारतीय सेना की बटालियनों के बीच जाकर अपनी कविताओं के माध्यम से जवानों का मनोबल बढ़ाया, जिसे सेना और राष्ट्रप्रेमियों ने सराहा। उनके काव्य-पाठ न केवल भावनाओं को झकझोरते हैं, बल्कि उनमें समाहित राष्ट्रधर्म नई ऊर्जा का संचार करते हैं। उनके मंचीय भाषणों और कविताओं को युवाओं में खासा पसंद किया जाता है।
सम्मानों की लंबी सूची, ‘परमवीर’ काव्य संग्रह जल्द होगा प्रकाशित--
योगेन्द्र शर्मा को काव्य और साहित्य क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित अलंकरण प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें गुरु गोलवलकर सम्मान, चंद्रवरदाई सम्मान और साहित्य भारती सम्मान प्रमुख हैं। वे पूर्व में राजस्थान साहित्य अकादमी की सरस्वती सभा के सदस्य भी रह चुके हैं, जहाँ उन्होंने राज्य में साहित्यिक चेतना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि वे देश के 21 परमवीर चक्र विजेता वीरों पर आधारित एक विशिष्ट काव्य संग्रह ‘परमवीर’ पर कार्य कर रहे हैं, जो शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहा है। यह संग्रह देश की सैन्य परंपरा और बलिदान की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुँचाने का काम करेगा।
साहित्य जगत में खुशी की लहर-
शर्मा की इस प्रतिष्ठित नियुक्ति से शाहपुरा, भीलवाड़ा सहित पूरे साहित्य जगत में खुशी की लहर है। कवियों, साहित्यकारों और युवाओं ने सोशल मीडिया से लेकर मंचों तक इस खबर का गर्मजोशी से स्वागत किया है। हिन्दी कविता को वैश्विक पहचान दिलाने वाले इस निर्णय को साहित्यिक दृष्टि से ऐतिहासिक बताया जा रहा है। स्थानीय साहित्यकारों ने इसे शाहपुरा के लिए गौरव की बात बताया। स्थानीय कवियों व साहित्यकारों ने कहा कि “यह नियुक्ति पूरे मेवाड़ अंचल के लिए गर्व का विषय है। योगेन्द्र शर्मा की कविता में वह अग्नि है, जो हृदयों को जाग्रत करती है।”
संस्था की अपेक्षाएं और भावी योजनाएं--
हिन्दी साहित्य भारती काव्य मंच के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में योगेन्द्र शर्मा पर संस्था ने न केवल कवि सम्मेलनों के आयोजन का दायित्व सौंपा है, बल्कि हिन्दी कविता को नई पीढ़ी तक पहुँचाने, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय संस्कृति का प्रसार करने जैसी योजनाओं को भी गति देने की अपेक्षा की है। शर्मा ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह मेरे लिए एक जिम्मेदारी है, न केवल सम्मान। मैं हिन्दी काव्य की गरिमा को वैश्विक स्तर पर ऊँचाई तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
हिन्दी काव्य की ओजस्वी परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने वाले शाहपुरा (भीलवाड़ा) के सुप्रसिद्ध कवि योगेन्द्र शर्मा को हिन्दी साहित्य भारती काव्य मंच का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। यह घोषणा संस्था के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रवीन्द्र शुक्ल द्वारा की गई।
डॉ. शुक्ल ने बताया कि योगेन्द्र शर्मा को यह जिम्मेदारी हिन्दी कविता की गरिमा को वैश्विक मंचों तक पहुँचाने, मंचीय मर्यादा बनाए रखने और नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के उद्देश्य से सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि शर्मा की साहित्यिक दृष्टि, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत काव्य-शैली और हजारों मंचीय प्रस्तुतियों के अनुभव से यह संस्था और भी सशक्त होगी।
2000 से अधिक मंचीय प्रस्तुतियां, कविताओं से बढ़ाया सेना का मनोबल-
योगेन्द्र शर्मा ने अब तक भारत और विदेशों में 2000 से अधिक काव्य मंचों पर अपनी ओजस्वी वाणी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना, वीर रस और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने कश्मीर में भारतीय सेना की बटालियनों के बीच जाकर अपनी कविताओं के माध्यम से जवानों का मनोबल बढ़ाया, जिसे सेना और राष्ट्रप्रेमियों ने सराहा। उनके काव्य-पाठ न केवल भावनाओं को झकझोरते हैं, बल्कि उनमें समाहित राष्ट्रधर्म नई ऊर्जा का संचार करते हैं। उनके मंचीय भाषणों और कविताओं को युवाओं में खासा पसंद किया जाता है।
सम्मानों की लंबी सूची, ‘परमवीर’ काव्य संग्रह जल्द होगा प्रकाशित--
योगेन्द्र शर्मा को काव्य और साहित्य क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित अलंकरण प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें गुरु गोलवलकर सम्मान, चंद्रवरदाई सम्मान और साहित्य भारती सम्मान प्रमुख हैं। वे पूर्व में राजस्थान साहित्य अकादमी की सरस्वती सभा के सदस्य भी रह चुके हैं, जहाँ उन्होंने राज्य में साहित्यिक चेतना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि वे देश के 21 परमवीर चक्र विजेता वीरों पर आधारित एक विशिष्ट काव्य संग्रह ‘परमवीर’ पर कार्य कर रहे हैं, जो शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहा है। यह संग्रह देश की सैन्य परंपरा और बलिदान की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुँचाने का काम करेगा।
साहित्य जगत में खुशी की लहर-
शर्मा की इस प्रतिष्ठित नियुक्ति से शाहपुरा, भीलवाड़ा सहित पूरे साहित्य जगत में खुशी की लहर है। कवियों, साहित्यकारों और युवाओं ने सोशल मीडिया से लेकर मंचों तक इस खबर का गर्मजोशी से स्वागत किया है। हिन्दी कविता को वैश्विक पहचान दिलाने वाले इस निर्णय को साहित्यिक दृष्टि से ऐतिहासिक बताया जा रहा है। स्थानीय साहित्यकारों ने इसे शाहपुरा के लिए गौरव की बात बताया। स्थानीय कवियों व साहित्यकारों ने कहा कि “यह नियुक्ति पूरे मेवाड़ अंचल के लिए गर्व का विषय है। योगेन्द्र शर्मा की कविता में वह अग्नि है, जो हृदयों को जाग्रत करती है।”
संस्था की अपेक्षाएं और भावी योजनाएं--
हिन्दी साहित्य भारती काव्य मंच के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में योगेन्द्र शर्मा पर संस्था ने न केवल कवि सम्मेलनों के आयोजन का दायित्व सौंपा है, बल्कि हिन्दी कविता को नई पीढ़ी तक पहुँचाने, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय संस्कृति का प्रसार करने जैसी योजनाओं को भी गति देने की अपेक्षा की है। शर्मा ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह मेरे लिए एक जिम्मेदारी है, न केवल सम्मान। मैं हिन्दी काव्य की गरिमा को वैश्विक स्तर पर ऊँचाई तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”