देश भर में लगे अमृतादेवी की प्रतिमाएं
वृक्षों को बचाने के लिए हुई थी बलिदान
आने वाली पीढ़ीयों के लिए बनेगी प्रेरणादायी प्रधानमंत्री मोदी से की मांग
पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देने वाली अमृतादेवी विश्नोई की प्रतिमाएं देशभर में लगाई जाए, ताकि आने वाली पीढ़ीयां पेड़ों के महत्व व उनकी रक्षा के लिए प्रेरणा ले सके।
यह मांग करते हुए पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने बताया कि पेड़ों को बचाने के लिए 287 साल पहले जोधपुर के खेजड़ली ग्राम में अमृतादेवी विश्नोई ने पेड़ काटने का पुरजोर विरोध कर अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अपनी दो बेटियों के साथ स्वयं बलिदान हो गई। जाजू ने पेड़ बचाने की इस घटना को विश्व की पहली घटना बताते हुए कहा कि अमृतादेवी विश्नोई के पेड़ बचाने की घटना से प्रेरित होकर 360 स्त्री-पुरुषों ने भी पेड़ बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पत्र लिखकर देश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर अमृतादेवी विश्नोई की प्रतिमाएं स्थापित करने की मांग की है। जाजू ने बताया कि देश की भावी पीढ़ी के लिए अमृतादेवी विश्नोई की प्रतिमाएं लगाना प्रेरणादायी साबित होगा एवं युवा पीढ़ी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित होगी।