जादू एक कला है, इसमें भारतीयता की खुशबू है यह कला सर्कस की तरह लुप्त ना हो जाए चिन्तनीय है* *कपिल मुनि जी महामण्डलेश्वर*

ब्यावर-/उदयपुर रोड़ स्थित ब्रह्मधाम में चल रही कथा के दौरान महामण्डलेश्वर कपिल मुनिजी महाराज में इसका प्रचलन रहा है अनेक कलाओं में से यह भी कहा कि जादू भारतीय संस्कृति की विरासत आदिकाल एक है. उन्होंने इस बात पर चिन्ता व्यक्त की, कि सर्कस की तरह यह कला देश से लुप्त न हो जाए, महामण्डेलवर ने अंतर्राष्ट्रीय जादूगर आंचल कुमावत को आशीर्वाद देते हुए, उन्हें भारत का नाम विश्वभर में फैलाने का शुभ आशीष दिया तथा आर्शीवाद स्वरूप शॉल व माला पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर धर्म प्रेमियो को सम्बोधित करते हुए आंचल कुमावत ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर ईश्वर है उनकी लीला को समझ पाना इन्सान के बस में नही उन्होंने जादू का विज्ञान, लाईट इफेक्टर , निरन्तर अभ्यास व ध्यान का संगम बताया। उन्होंने ईश्वर व संन्तो, गुरुजनो के आर्शीवाद से जादू के क्षेत्र मे 27 वर्षों का सफर तय किया जोभी विश्व रिकार्ड बनाए इसमें ईश्वर की ही कृपा है, उन्होने गर्व है कि वे भारत की तथा राजस्थान के उदयपुर की बेटी है। इस अवसर पर उन्होंने जादू भी दिखाए जिसे देखकर नहीं उपस्थित श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गए। इस अवसर पर शो के आयोजक विमल चौहान तथा गिरधारी कुमावत का भी महामण्डेलवर ने शाल व माला पहनाकर आशीर्वाद प्रदान किया । इससे पूर्व ब्रह्मधाम समिति के अध्यक्ष गणपत सर्राफ से जादूगर आंचल का परिचय देते हुए ब्रह्मधाम आने पर उनका अभिन्नदन किया तथा कल्पवृक्ष पावन जोड़े के दर्शन करवाए तथा भण्डारे का प्रसाद भेंट किया इस अवसर पर बड़ी संख्या में साधु-सन्त, धर्म प्रेमी मौजूद थे ।
गिरधारी कुमावत ने बताया कि सभी संन्तो गुरुजनों, वृद्धआउम में रहने वाले सभी वृद्ध जन शो में पधारे तथा भारतीय कला का आनन्द ले।