बीज बैंक की स्थापना बीज संग्रहण के लिए करार होने पर हर्ष

जयपुर / पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के समक्ष राजस्थान राज्य वाटरशेड डायरेक्टर जुनैद खान IAS एवं स्टेट डायरेक्टर शांतनु सिंह राय फाऊंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES) के मध्य एक करार हुआ। जिसके तहत एफईएस राजस्थान सरकार के साथ मिलकर बीज संग्रहण क्षमता संवर्धन एवं बीज इकट्ठे करने की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करेगी।
जलधारा विकास संस्थान के अध्यक्ष महेश नवहाल ने हर्ष व्यक्त करते हुये इसे पारिस्थितिकी तंत्र एवं प्रकृति संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया । यह ज्ञात रहे कि
राजस्थान में लगभग 16 लाख हेक्टर भुमि चारागाह है। राजस्थान की ग्रामीण आजीविका एवं कृषि और पशुधन पर ही आधारित है । ऐसा अनुमान है कि राजस्थान के घरेलू सकल उत्पादन में 14% पशुधन और 16% कृषि का योगदान है इस प्रकार 29% योगदान देने वाला यह क्षेत्र अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न प्राकृतिक संसाधन, चारागाह, जंगल, जलाशय ,नदी ,नाले, तालाब से मिलने वाले विभिन्न उत्पाद और पारिस्थितिकी सेवाओं के रूप में स्थानीय आजीविका और उत्पादकता पर निर्भर है, जैसे परागीकरण रिचार्ज हेतु जल ,पोषणचक्र, मिट्टी संरक्षण, जैव विविधता आदि। इन्हीं सब बिंदुओं के विकास के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 150 वनस्पति व घास बीजों हेतु बैंक की स्थापना की घोषणा विधानसभा में की। ऐसा करने वाला राजस्थान भारतवर्ष का प्रथम राज्य है। इन बीजों से जुड़े हुए हमारी पारंपरिक विरासत ,चारागाह, जंगल और जलाशयों व जल संग्रहण क्षेत्र का पुनर्स्थापना एवं संरक्षण के लिए इन बीजों के संग्रहण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अनूठी एवं अनुपम पहल है। जिससे हमारे परंपरागत आदिवासी जनजाति समुदाय व ग्रामीण समुदायों के लिए स्थानीय स्तर पर आजीविका भी विकसित होगी। विभिन्न प्रकार के वनस्पति व घास के बीज एकत्रित कर पंचायती राज व्यवस्था के तहत चारागाह विकसित करने के लिए इस प्रकार के बीजों का संग्रहण राजस्थान करने वाला अपने आप में एक पहला राज्य है जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे