जयपुर-हैदराबाद के फेफड़े के रूप में जाने जाने वाले 400 एकड़ के कांचा गाजीबोवली जंगल को आईटी पार्क बनाने के लिए काटने की तेलंगाना सरकार की योजना के खिलाफ पीपल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर जंगल कटाई एवं आग से बड़ी संख्या में बेजुबानों की हत्या करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की। 

जाजू ने कहा कि यह 400 एकड़ जमीन 'डीम्ड फॉरेस्ट' है एवं सरकार विकास के नाम पर कानून का उल्लंघन कर रही है।  

जाजू ने विकास के नाम पर विनाश कर पर्यावरण की बलि चढ़ाने की नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस घटना ने समूचे देश के वन एवं वन्यजीव प्रेमियों को झकझोरा है। यह जंगल न केवल शहर के पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सैकड़ों दुर्लभ पौधों, पक्षियों और जानवरों का आश्रय स्थल भी है। 

 इस जंगल में 233 प्रजातियों के वन्य जीव है, जिनकी सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। जाजू ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची-I में संरक्षित प्रजातियों के वन्यजीव भी इस क्षेत्र मे है। जाजू ने कहा कि पर्यावरण विनाश की कीमत पर विकास स्वीकार नहीं है। वन व वन्य जीवन के बसेरे को नष्ट करने वाली सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।

जाजू ने तेलंगाना सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोटे भ्रष्टाचार एवं आईटी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए हरे भरे क्षेत्र को नष्ट किया गया। जाजू ने प्रधानमंत्री और वन मंत्री से मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए तेलंगाना सरकार को कांचा गाजीबोवली जंगल में कटाई की गतिविधियों को तुरंत रोकने, जंगल की कटाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने, कांचा गाजीबोवली वन की सुरक्षा के लिए उसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने की मांग की।