जोधपुर/  कांकाणी गांव में 1998 में हम साथ साथ है फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए बहुचर्चित काले हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को अब तक सजा नहीं मिलने पर वन्यजीव प्रेमियों में रोष है।

वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व विशेषाधिकारी एवं पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने इस मामले मंे वन विभाग की ओर से उच्च न्यायालय मंे ठोस पैरवी नहीं किये जाने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वन विभाग की शिथिलता से शिकारी बेखौफ होकर शिकार करते हैं, उन्हें कानून का डर नहीं है। जाजू ने कहा कि यदि वन विभाग अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन करता तो इस मामले में न्याय हो चुका होता और दोषी सलमान खान को सजा मिल चुकी होती। जाजू ने आगे कहा कि न्याय में देरी का सीधा असर वन्यजीव संरक्षण पर पड़ता है। जब बड़े नाम वाले अपराधी कानून की पकड़ से बच निकलते हैं, तो आम शिकारी के मन मंे कानून का डर नहीं रहता और यह स्थिति वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।

जाजू ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों से आगामी सुनवाई 28 जुलाई को उच्च न्यायालय में ठोस पैरवी करते हुए सलमान खान की सजा को यथावत रखवाने, शीघ्र सुनवाई हेतु न्यायालय मंे प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करने, वन्यजीव संरक्षण कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन करने की अपील की। जाजू ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति को सजा दिलाने का नहीं बल्कि वन्यजीवों के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी और हमारे पारिस्थिति तंत्र को बचाने के संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्थान उच्च न्यायालय इस मामले मंे सजा बरकरार रखते हुए वन्यजीवों के शिकारियों को कड़ा संदेश देगा। जाजू ने पूर्व मंे सीजेएम कोर्ट जोधपुर द्वारा सलमान खान को सजा 5 वर्ष की सजा दिये जाने का स्वागत किया। जाजू ने कहा कि इस मामले में शिकार के लिए प्रेरित करने वाले सैफ, तब्बू, नीलम एवं सोनाली भी वन विभाग की ढिलाई से बच निकले, जिनके विरूद्ध लम्बित अपील में भी ठोस कार्यवाही करने की अपील की ताकि देशभर में वन्यजीव अपराधियों को कड़ा संदेश मिले।उल्लेखनीय है कि काले हिरण शिकार के मामले में दोषियों को सजा के लिए जाजू के नेतृत्व में जोधपुर उच्च न्यायालय के बाहर 1998 में धरना प्रदर्शन भी किया गया था।