यह गिरोह शादी का झांसा देकर नकद और जेवरात ऐंठता था और फिर दुल्हन को फरार करवा देता था। आरोपियों ने योजना बनाकर एक युवक से शादी कराई, कुछ दिन साथ रहने के बाद महिला लाखों रुपये के जेवर और नकदी लेकर भाग गई। पुलिस को इस गिरोह से जुड़े और भी मामलों के खुलासे की उम्मीद है।

कानोड़ थाना क्षेत्र के अरनिया निवासी पंकज खारोल ने 8 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी दूसरी शादी के नाम पर ठगी की गई। उसने बताया कि मांगीलाल नामक व्यक्ति ने उसकी शादी रतलाम निवासी ललिता बाई से करवाई थी। शादी के एवज में पंकज से 1.50 लाख रुपये नकद और अन्य खर्चों में कुल 1.80 लाख रुपये वसूले गए। शादी के बाद ललिता बाई केवल 10 दिन तक पंकज के साथ रही। इसके बाद मौसाजी की मौत का बहाना बनाकर जावरा ले जाई गई, जहां से वह 1.50 लाख रुपये के जेवर और नकदी लेकर अचानक फरार हो गई।

एसपी योगेश गोयल के निर्देश पर बनी विशेष टीम ने मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में दबिश दी और तीन आरोपियों सुनील, कैलाश और ललिता बाई को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि यह एक संगठित गिरोह है, जो पहले भी ऐसी फर्जी शादियों के जरिए कई लोगों को ठग चुका है। इस कार्रवाई में एसएचओ मुकेशचंद्र, एएसपी अंजना सुखवाल, डीएसपी राजेंद्र सिंह की देखरेख में हेड कांस्टेबल लक्ष्मणलाल, कांस्टेबल सुनील, राजेंद्र, रिंकु, गोविंद और महिला कांस्टेबल भगवत कंवर की अहम भूमिका रही।

पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इससे जुड़ी पुरानी वारदातों की जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि यह गिरोह कई जिलों में सक्रिय था और ऐसे दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। पुलिस पीड़ितों की तलाश कर रही है ताकि उन्हें न्याय दिलाया जा सके।