जयपुर, 24 अगस्त। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री हेमाराम चौधरी की अध्यक्षता में स्टेट वेटलेण्ड ऑथोरिटी की छठी बैठक का आयोजन गुरूवार को सचिवालय में किया गया। बैठक में श्री चौधरी ने बताया कि वेटलेण्ड संरक्षण के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। प्रदेश में वर्तमान में 67 वेटलेण्ड अधिसूचित हैं इन्हे बढ़ाकर 100 किया जायेगा। प्रदेश में वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 2 रामसर साइट्स सांभर लेक एवं केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान हैं। अब चांदलाई (जयपुर), खीचन (जोधपुर), लूणकरणसर (बीकानेर), मीनार तालाब (उदयपुर) एवं कनवास पक्षी विहार (कोटा) को भी रामसर साइट की सूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।

 

बैठक के दौरान सांभर लेक वेटलेण्ड, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान एवं अधिसूचित वेटलेण्ड के सीमा निर्धारण, डिज़िटल मैप, प्रबन्ध योजना, एवं अन्य संरक्षण व विकास कार्यों के लिये 9 करोड़ रू. की राशि स्वीकृत की गई। बैठक में सांभर लेक वेटलेण्ड के संरक्षण कार्यांे का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। यहां पक्षियों के लिये एक स्थायी उपचार केन्द्र बनाए जानेे, पर्यटन हेतु एक योजना तैयार किये जाने तथा गैर कानूनी नमक उत्पादन सम्बन्धी अतिक्रमणों को मिशन मोड में हटाये जाने के विषय में निर्णय लिए गए। 

 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एव पर्यावरण श्री शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास श्री अभय कुमार, सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल श्री एन. विजय, संयुक्त शासन सचिव यू.डी.एच. श्री जुगल किशोर मीणा, संयुक्त शासन सचिव, पर्यटन श्री वी.के.गोयल, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री अरिंदम तोमर, संयुक्त शासन सचिव पर्यावरण व सदस्य सचिव स्टेट वेटलेण्ड ऑथोरिटी श्रीमती मोनाली सेन सहित सदस्य विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

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क्षिप्रा/रवीन्द्र