रणथंभोर के पास तालाब में जलीय जीवों की हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई
भीलवाड़ा। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी एवं वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से जुड़े बाबूलाल जाजू ने रणथंभोर राष्ट्रीय पार्क के 500 मीटर दूर स्थित तालाब मंे मगरमच्छ, सांप, मेंढ़क, मछलियों सहित डेढ़ लाख जलीय जीवों की हत्या के मामले मंे पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर को ई-मेल से प्राथमिकी दर्ज करवाकर दोषियों के विरूद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत ठोस कार्यवाही करने की मांग करते हुए मामले से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के निदेशक, पीएफए राष्ट्रीय अध्यक्ष मेनका गांधी, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजस्थान को भी अवगत कराया है।
जाजू ने प्राथमिकी में बहरावंडा खुर्द सरपंच, जैतपुर के 4 ठेकेदारांे को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि बहरावंडा खुर्द पंचायत द्वारा जुलाई में 80 हजार रू. में सिंघाड़े की खेती करने के लिए तालाब जैतपुर के 4 ठेकेदारों को दिया था। ठेकेदारों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए 6 सितम्बर को दिनभर 10 नावों से कीटनाशी व रसायन बहुत बड़ी मात्रा में छिड़के गये थे, जिससे तालाब में डेढ़ लाख के लगभग जलीय जीवों की मौत हो गई। जाजू ने बताया कि तालाब के पास ही रणथंभोर राष्ट्रीय अभयारण्य है जिसमें बाघ, पैंथर, भालू सहित अनेक दुर्लभ वन्यजीव है जो पानी पीने तालाब में पहंुचते हैं जिनकी जान को खतरा है।
अधिवक्ता महेन्द्रसिंह कच्छावा ने बताया कि बाघ परियोजना के 1 किमी मंे एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी राष्ट्रीय पार्क के 10 किमी की परिधि में कोई कॉमर्शियल गतिविधि बिना नेशनल बोर्ड ऑफ वाईल्डलाईफ एवं भारत सरकार की अनुमति के नहीं की जा सकती है। जाजू ने इस मामले मंे संबंधित वन अधिकारियों को भी कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने के मामले में दोषी ठकराया है। जाजू ने बताया कि इस घटना में प्रथम अनुसूची के वन्यजीव मगरमच्छ एवं सांप की भी कीटनाशक से हत्या हुई है।