जयपुर, 20 जुलाई। वन मंत्री श्री हेमाराम चौधरी ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि बूंदी जिले में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में पर्यटकों के भ्रमण के लिए तीन प्रवेश द्वार खोले गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि इनके अतिरिक्त पीपल्या गांव में भी प्रवेश द्वार खोलने की मांग का विभागीय स्तर पर परीक्षण करवार अधिकारयिों से चर्चा कर उपयुक्त पाये जाने पर प्रवेश द्वार खोलने के प्रयाय किये जायेंगे। 

वन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इससे पहले विधायक श्रीमती चन्द्रकान्ता मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में वन मंत्री ने अवगत कराया कि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में पयर्टकों के लिए इस साल 23 जून से सफारी प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 150189.21 हैक्टेयर है। उन्होंने बताया कि कोर क्षेत्र में कुल 8 गांव क्रमशः भैरूपुरा, केशोपुरा, गुढामकदूका, गुलखेडी, हरिपुरा, भीमगंज, धूंधला जी बाडा एवं जांवरा स्थित हैं। इन गांवों  का स्वैच्छिक विस्थापन किया जाना है।

वन मंत्री ने बताया कि प्रथम चरण में गुलखेडी ग्राम का विस्थापन के लिए चयन किया गया है। इन्हें भारत सरकार द्वारा निर्धारित राशि 15 लाख प्रति परिवार की दर से विस्थापन पैकेज दिया जाना है। प्रथम चरण में 180 परिवारों को प्रथम किश्त के रूप में 3 लाख रूपये प्रति परिवार के हिसाब से कुल  540 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है।

श्री चौधरी ने बताया कि पर्यटकों की सफारी के लिए बफर एरिया में 3 रूट बनाये गये हैं। किसी भी प्रवेश द्वार को मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने अभयारण्य क्षेत्र में भ्रमण शुल्क, प्रवेश द्वार संबंधी विवरण सदन के पटल पर रखा।

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अभिषेक जैन / के.एल मीना